toolbar

Powered by Conduit

adsense code

Friday, March 31, 2017

जब समंदर मंथन

visit


परम पूज्य सुधांशुजी महाराज 

जब समंदर मंथन से विष और अमृत निकल तो  जितने भी देवता अमृत पीने वाले थे , वे देव ही रहे , लेकिन जिसने विष का कडवा  घूट पीया वह महादेव देवोँ के देव कहलाये 




Friday, March 10, 2017

प्रकृति का नियम है

प्रकृति  का नियम है कि हर कोई गतिमान है। चींटियों को देखिए। छोटी सी चीटी अँधेरे में भी दौड़ी चली आ रही है। अचानक आप लाइट जलाते है, देखकर आश्चर्य होता है कि अँधेरे में भी चीटियाँ  दौड़ी चली जा रहीं है। शरीर से ज्यादा समान उठाकर जा रही होती है। छोटे से जीवन को भी पता है कि कर्म करते रहना है। खाली नहीं बैठना है। वस्तुतः जीवन गति का नाम है। कर्म करो पर सुव्यवस्थित होकर। शरीर की यात्रा तभी ठीक रहती है, जब कर्म से जुड़े रहते है। यदि कर्म से विमुख हो गये तो जीवन यात्रा ठीक से चलने वाली नहीं है। 

Thursday, March 9, 2017

ध्यान रखो

visit


परम पूज्य सुधांशुजी महाराज 



ध्यान रखो अगर भगवान् की कृपा है तो झोंपड़ी में भी खुशी से रहोगे , अगर कृपा नहीं है तो महल में भी दुःखी रहोगे !