Friday, July 31, 2015
भोर का उजाला
बहिर्मुख वृति
"बहिर्मुख वृति आपकी बनी हुई है। ससार की तरफ घूमती हुई वृति, वो आपको परमात्मा की तरफ या कहना चाहिए अपने आपको जानने की तरफ नही जाने देती । और उसका परिणाम यह होता है कि हम एक भीड़ में ,जैसे भेड़ों का झुंड चलता है, उस तरह से, भीड़ की तरह से जीने लग जाते है। तो आप अपने अन्दर कोई विशेषता नहीं ला पाते।
आप अपने अन्दर एक पवित्र इन्सान बन सके, आप अपनी शान्ति के साथ जी सके, अपने प्रेम के साथ जी सके, अपने अन्दर एक सतोगुण को आप जन्म दे सके तो वो बहुत बडी चीज है।"
आज जो
http://jiggyaasa.blogspot.in/
http://adhyatmik.blogspot.in/
http://rajmgarg.blogspot.in/
http://guruvatikasechunephool.blogspot.in/
http://wwwmggsantvani.blogspot.in/
http://ammritvanni.blogspot.in/
http://guruvanni.blogspot.in/
http://mggarga.blogspot.in/
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
Thursday, July 30, 2015
दोडतों के पीछे
http://jiggyaasa.blogspot.in/
http://adhyatmik.blogspot.in/
http://rajmgarg.blogspot.in/
http://guruvatikasechunephool.blogspot.in/
http://wwwmggsantvani.blogspot.in/
http://ammritvanni.blogspot.in/
http://guruvanni.blogspot.in/
http://mggarga.blogspot.in/
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
Tuesday, July 28, 2015
जो भाग्य
http://jiggyaasa.blogspot.in/
http://adhyatmik.blogspot.in/
http://rajmgarg.blogspot.in/
http://guruvatikasechunephool.blogspot.in/
http://wwwmggsantvani.blogspot.in/
http://ammritvanni.blogspot.in/
http://guruvanni.blogspot.in/
http://mggarga.blogspot.in/
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
भाग कर आएगा,
जो नहीं है , वह
आकर भी भाग जाएगा...!"
Monday, July 27, 2015
जीवन
http://jiggyaasa.blogspot.in/
http://adhyatmik.blogspot.in/
http://rajmgarg.blogspot.in/
http://guruvatikasechunephool.blogspot.in/
http://wwwmggsantvani.blogspot.in/
http://ammritvanni.blogspot.in/
http://guruvanni.blogspot.in/
http://mggarga.blogspot.in/
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
- जीवन जीते जीते जीवन के सांझ सामने आजाती हे मगर जीना नहीँ आया !
Sunday, July 26, 2015
Saturday, July 25, 2015
कुए में
कुए में उतरने वाली बाल्टी यदि झुकती है,तो भरकर बाहर आती ,जीवन का भी यही गणित है,जो झुकता है वह प्राप्त करता है.
Fwd:
From: Madan Gopal Garga <mggarga2013@gmail.com>
Date: 2015-07-25 13:33 GMT+05:30
Subject:
To: Madan Gopal Garga <mggarga@gmail.com>
🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🍒💠🍒💠🍒💠🍒💠🍒💠🍒
🙏मान्यवर हम सब हनुमान चालीसा पढते हैं सब रटा रटाया | क्या हमे चालीसा पढते समय पता भी होता है कि हम हनुमानजी से क्या कह रहे हैं या क्या मांग रहे हैं ?
बस रटा रटाया बोलते जाते हैं | आनंद और फल शायद तभी मिलेगा जब हमें इसका मतलब भी पता हो |
तो लीजिए पेश है श्री हनुमान चालीसा अर्थ सहित !!
🌹श्री गुरु चरण सरोज रज,निज मन मुकुरु सुधारि।
बरनऊँ रघुवर बिमल जसु,जो दायकु फल चारि।
📯《अर्थ》→ शरीर गुरु महाराज के चरण
कमलों की धूलि से अपने मन रुपी दर्पण को पवित्र
करके श्री रघुवीर के निर्मल यश का वर्णन
करता हूँ,जो चारों फल धर्म,अर्थ,काम और मोक्ष
को देने वाला हे।★
•••••••••••••••••••••••••••••
बुद्धिहीन तनु जानिके,सुमिरो पवन-कुमार।
बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं,हरहु कलेश विकार।★
📯《अर्थ》→ हे पवन कुमार! मैं आपको सुमिरन
करता हूँ। आप तो जानते ही हैं,कि मेरा शरीर और
बुद्धि निर्बल है।मुझे शारीरिक बल,सदबुद्धि एवं
ज्ञान दीजिए और मेरे दुःखों व दोषों का नाश कार
दीजिए।★
जय हनुमान ज्ञान गुण सागर,जय कपीस तिहुँ लोक
उजागर॥1॥★
📯《अर्थ 》→ श्री हनुमान जी!आपकी जय हो।
आपका ज्ञान और गुण अथाह है। हे कपीश्वर!
आपकी जय हो!तीनों लोकों,स्वर्ग लोक,भूलोक और
पाताल लोक में आपकी कीर्ति है।★
••••••••••••••••••••••••••••••
राम दूत अतुलित बलधामा, अंजनी पुत्र पवन सुत नामा॥
2॥★
📯《अर्थ》→ हे पवनसुत अंजनी नंदन!आपके समान
दूसरा बलवान नही है।★
••••••••••••••••••••••••••••••
महावीर विक्रम बजरंगी, कुमति निवार सुमति के संगी॥3॥
★
📯《अर्थ》→ हे महावीर बजरंग बली!आप विशेष पराक्रम
वाले है। आप खराब बुद्धि को दूर करते है,और
अच्छी बुद्धि वालो के साथी,सहायक है।★
••••••••••••••••••••••••••••••
कंचन बरन बिराज सुबेसा ,कानन कुण्डल कुंचित केसा॥
4॥★
📯《अर्थ》→ आप सुनहले रंग,सुन्दर
वस्त्रों,कानों में कुण्डल और घुंघराले बालों से
सुशोभित हैं।★
••••••••••••••••••••••••••••••
हाथ ब्रज और ध्वजा विराजे,काँधे मूँज जनेऊ साजै॥
5॥★
📯《अर्थ》→ आपके हाथ मे बज्र और ध्वजा है और
कन्धे पर मूंज के जनेऊ की शोभा है।★
••••••••••••••••••••••••••••••
शंकर सुवन केसरी नंदन,तेज प्रताप महा जग वंदन॥6॥★
📯《अर्थ 》→ हे शंकर के अवतार!हे केसरी नंदन आपके
पराक्रम और महान यश की संसार भर मे
वन्दना होती है।★
••••••••••••••••••••••••••••••
विद्यावान गुणी अति चातुर,रान काज करिबे को आतुर॥
7॥★
📯《अर्थ 》→ आप प्रकान्ड विद्या निधान है,गुणवान
और अत्यन्त कार्य कुशल होकर श्री राम काज करने
के लिए आतुर रहते है।★
••••••••••••••••••••••••••••••
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया, राम लखन सीता मन
बसिया॥8॥★
📯《अर्थ 》→ आप श्री राम चरित सुनने मे आनन्द रस
लेते है।श्री राम,सीताऔर लखन आपके हृदय मे बसे
रहते है।★
••••••••••••••••••••••••••••••
सूक्ष्म रुप धरि सियहिं दिखावा,बिकट रुप धरि लंक
जरावा॥9॥★
📯《अर्थ》→ आपने अपना बहुत छोटा रुप धारण करके
सीता जी को दिखलाया और भयंकर रूप करके
लंका को जलाया।★
••••••••••••••••••••••••••••••
भीम रुप धरि असुर संहारे,रामचन्द्र के काज संवारे॥
10॥★
📯《अर्थ 》→ आपने विकराल रुप धारण करके
राक्षसों को मारा और श्री रामचन्द्र जी के
उदेश्यों को सफल कराया।★
••••••••••••••••••••••••••••••
लाय सजीवन लखन जियाये,श्री रघुवीर हरषि उर लाये॥11॥
★
📯《अर्थ 》→ आपने संजीवनी बुटी लाकर लक्ष्मण
जी को जिलाया जिससे श्री रघुवीर ने हर्षित होकर
आपको हृदय से लगा लिया।★
••••••••••••••••••••••••••••••
रघुपति कीन्हीं बहुत बड़ाई,तुम मम प्रिय भरत सम भाई॥
12॥★
📯《अर्थ 》→ श्री रामचन्द्र ने आपकी बहुत
प्रशंसा कीऔर कहा की तुम मेरे भरत जैसे प्यारे
भाई हो।★
•••••••••••••••••••••••••••••••
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं,अस कहि श्री पति कंठ
लगावैं॥13॥★
📯《अर्थ 》→ श्री राम ने आपको यह कहकर हृदय से
लगा लिया की तुम्हारा यश हजार मुख से सराहनीय है।★
••••••••••••••••••••••••••••••
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा, नारद,सारद सहित अहीसा॥
14॥★
📯《अर्थ》→
श्री सनक,श्री सनातन,श्री सनन्दन,श्री सनत्कुमार
आदि मुनि ब्रह्मा आदि देवता नारद
जी,सरस्वती जी,शेषनाग जी सब आपका गुण गान करते
है।★
••••••••••••••••••••••••••••••
जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते,कबि कोबिद कहि सके
कहाँ ते॥15॥★
📯《अर्थ 》→ यमराज,कुबेर आदि सब दिशाओं के
रक्षक,कवि विद्वान,पंडित या कोई भी आपके यश
का पूर्णतः वर्णन नहीं कर सकते।★
•••••••••••••••••••••••••••••••
तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा,राम मिलाय राजपद
दीन्हा॥16॥★
📯《अर्थ 》→ आपनें सुग्रीव जी को श्रीराम से
मिलाकर उपकार किया ,जिसके कारण वे राजा बने।★
•••••••••••••••••••••••••••••••
तुम्हरो मंत्र विभीषण माना,लंकेस्वर भए सब जग
जाना॥17॥★
📯《अर्थ 》→ आपके उपदेश का विभिषण जी ने पालन
किया जिससे वे लंका के राजा बने,इसको सब संसार
जानता है।★
••••••••••••••••••••••••••••••
जुग सहस्त्र जोजन पर भानू,लील्यो ताहि मधुर फल
जानू॥18॥★
📯《अर्थ 》→ जो सूर्य इतने योजन दूरी पर है की उस पर
पहुँचने के लिए हजार युग लगे।दो हजार योजन
की दूरी पर स्थित सूर्य को आपने एक मीठा फल समझकर
निगल लिया।★
•••••••••••••••••••••••••••••••
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहि,जलधि लांघि गये अचरज
नाहीं॥19॥★
📯《अर्थ 》→ आपने श्री रामचन्द्र
जी की अंगूठी मुँह मे रखकर समुद्र को लांघ
लिया,इसमें कोई आश्चर्य नही है।★
••••••••••••••••••••••••••••••
दुर्गम काज जगत के जेते,सुगम अनुग्रह तुम्हरे
तेते॥20॥★
📯《अर्थ 》→ संसार मे जितने भी कठिन से कठिन काम
हो,वो आपकी कृपा से सहज हो जाते है।★
••••••••••••••••••••••••••••••
राम दुआरे तुम रखवारे,होत न आज्ञा बिनु पैसा रे ॥
21॥★
📯《अर्थ 》→ श्री रामचन्द्र जी के द्वार के आप
रखवाले है,जिसमे आपकी आज्ञा बिना किसी को प्रवेश
नही मिलता अर्थात आपकी प्रसन्नता के बिना राम
कृपा दुर्लभ है।★
••••••••••••••••••••••••••••••
सब सुख लहै तुम्हारी सरना,तुम रक्षक काहू
को डरना ॥22॥★
📯《अर्थ 》→ जो भी आपकी शरण मे आते है,उस
सभी को आन्नद प्राप्त होता है,और जब आप रक्षक
है,तो फिर किसी का डर नही रहता।★
••••••••••••••••••••••••••••••
आपन तेज सम्हारो आपै,तीनों लोक हाँक ते काँपै॥
23॥★
📯《अर्थ 》→ आपके सिवाय आपके वेग को कोई नही रोक
सकता,आपकी गर्जना से तीनों लोक काँप जाते है।★
••••••••••••••••••••••••••••••
भूत पिशाच निकट नहिं आवै,महावीर जब नाम सुनावै॥24॥
★
📯《अर्थ 》→ जहाँ महावीर हनुमान जी का नाम
सुनाया जाता है,वहाँ भूत,पिशाच पास भी नही फटक
सकते।★
••••••••••••••••••••••••••••••
नासै रोग हरै सब पीरा,जपत निरंतर हनुमत बीरा ॥25॥★
📯《अर्थ 》→ वीर हनुमान जी!आपका निरंतर जप करने से
सब रोग चले जाते है,और सब पीड़ा मिट जाती है।
•••••••••••••••••••••••••••••••
संकट तें हनुमान छुड़ावै,मन क्रम बचन ध्यान
जो लावै॥26॥★
📯《अर्थ 》→ हे हनुमान जी! विचार करने मे,कर्म करने
मे और बोलने मे,जिनका ध्यान आपमे रहता है,उनको सब
संकटो से आप छुड़ाते है।★
••••••••••••••••••••••••••••••
सब पर राम तपस्वी राजा,तिनके काज सकल तुम साजा॥
27॥★
📯《अर्थ 》→ तपस्वी राजा श्री रामचन्द्र जी सबसे
श्रेष्ठ है,उनके सब कार्यो को आपने सहज मे कर
दिया।★
•••••••••••••••••••••••••••••••
और मनोरथ जो कोइ लावै,सोई अमित जीवन फल पावै॥28॥
★
📯《अर्थ 》→ जिसपर आपकी कृपा हो,वह कोई
भी अभिलाषा करे तो उसे ऐसा फल मिलता है
जिसकी जीवन मे कोई सीमा नही होती।★
••••••••••••••••••••••••••••••
चारों जुग परताप तुम्हारा,है परसिद्ध जगत उजियारा॥
29॥★
📯《अर्थ 》→ चारो युगों सतयुग,त्रेता,द्वापर
तथा कलियुग मे आपका यश फैला हुआ है,जगत मे
आपकी कीर्ति सर्वत्र प्रकाशमान है।★
••••••••••••••••••••••••••••••
साधु सन्त के तुम रखवारे,असुर निकंदन राम दुलारे॥
30॥★
📯《अर्थ 》→ हे श्री राम के दुलारे ! आप
सज्जनों की रक्षा करते है और दुष्टों का नाश करते
है।★
•••••••••••••••••••••••••••••••
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता ,अस बर दीन जानकी माता॥
३१॥★
📯《अर्थ 》→ आपको माता श्री जानकी से ऐसा वरदान
मिला हुआ है,जिससे आप
किसी को भी आठों सिद्धियां और नौ निधियां दे सकते
है।★
1.) अणिमा → जिससे साधक किसी को दिखाई
नही पड़ता और कठिन से कठिन पदार्थ मे प्रवेश कर
जाता है।★
2.) महिमा → जिसमे योगी अपने को बहुत
बड़ा बना देता है।★
3.) गरिमा → जिससे साधक अपने को चाहे
जितना भारी बना लेता है।★
4.) लघिमा → जिससे जितना चाहे उतना हल्का बन
जाता है।★
5.) प्राप्ति → जिससे इच्छित पदार्थ
की प्राप्ति होती है।★
6.) प्राकाम्य → जिससे इच्छा करने पर वह पृथ्वी मे
समा सकता है,आकाश मे उड़ सकता है।★
7.) ईशित्व → जिससे सब पर शासन का सामर्थय
हो जाता है।★
8.)वशित्व → जिससे दूसरो को वश मे किया जाता है।★
•••••••••••••••••••••••••••••••
राम रसायन तुम्हरे पासा,सदा रहो रघुपति के दासा॥32॥
★
📯《अर्थ 》→ आप निरंतर श्री रघुनाथ जी की शरण मे
रहते है,जिससे आपके पास बुढ़ापा और असाध्य
रोगों के नाश के लिए राम नाम औषधि है।★
•••••••••••••••••••••••••••••••
तुम्हरे भजन राम को पावै,जनम जनम के दुख बिसरावै॥
33॥★
📯《अर्थ 》→ आपका भजन करने सेर श्री राम
जी प्राप्त होते है,और जन्म जन्मांतर के दुःख दूर
होते है।★
••••••••••••••••••••••••••••••
अन्त काल रघुबर पुर जाई,जहाँ जन्म हरि भक्त कहाई॥
34॥★
📯《अर्थ 》→ अंत समय श्री रघुनाथ जी के धाम
को जाते है और यदि फिर भी जन्म लेंगे
तो भक्ति करेंगे और श्री राम भक्त कहलायेंगे।★
•••••••••••••••••••••••••••••••
और देवता चित न धरई,हनुमत सेई सर्व सुख करई॥35॥★
📯《अर्थ 》→ हे हनुमान जी!आपकी सेवा करने से सब
प्रकार के सुख मिलते है,फिर अन्य
किसी देवता की आवश्यकता नही रहती।★
•••••••••••••••••••••••••••••••
संकट कटै मिटै सब पीरा,जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥36॥
★
📯《अर्थ 》→ हे वीर हनुमान जी! जो आपका सुमिरन
करता रहता है,उसके सब संकट कट जाते है और सब
पीड़ा मिट जाती है।★
••••••••••••••••••••••••••••••
जय जय जय हनुमान गोसाईं,कृपा करहु गुरु देव
की नाई॥37॥★
📯《अर्थ 》→ हे स्वामी हनुमान जी!आपकी जय हो,जय
हो,जय हो!आप मुझपर कृपालु श्री गुरु जी के समान
कृपा कीजिए।★
••••••••••••••••••••••••••••••
जो सत बार पाठ कर कोई,छुटहि बँदि महा सुख होई॥38॥★
📯《अर्थ 》→ जो कोई इस हनुमान चालीसा का सौ बार
पाठ करेगा वह सब बन्धनों से छुट जायेगा और उसे
परमानन्द मिलेगा।★
•••••••••••••••••••••••••••••••
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा,होय सिद्धि साखी गौरीसा॥
39॥★
📯《अर्थ 》→ भगवान शंकर ने यह हनुमान
चालीसा लिखवाया,इसलिए वे साक्षी है,कि जो इसे
पढ़ेगा उसे निश्चय ही सफलता प्राप्त होगी।★
•••••••••••••••••••••••••••••••
तुलसीदास सदा हरि चेरा,कीजै नाथ हृदय मँह डेरा॥40॥
★
📯《अर्थ 》→ हे नाथ हनुमान जी! तुलसीदास
सदा ही श्री राम का दास है।इसलिए आप उसके हृदय मे
निवास कीजिए।★
•••••••••••••••••••••••••••••••
पवन तनय संकट हरन,मंगल मूरति रुप।
राम लखन सीता सहित,हृदय बसहु सुरभुप॥★
📯《अर्थ 》→ हे संकट मोचन पवन कुमार!आप आनन्द
मंगलो के स्वरुप है।हे देवराज! आप
श्री राम,सीता जी और लक्ष्मण सहित मेरे हृदय मे
निवास कीजिए।★
🌹 सीता राम दुत हनुमान जी को समर्पित🌹
🍒💠🍒💠🍒💠🍒🍒💠🍒
🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
कृपया आगे भी औरौं को भेजें / शेयर करें |
गुरुवर आना पडेगा
Thursday, July 23, 2015
सात क़ा रहस्य
गुरुवर सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश
Wednesday, July 22, 2015
आपके द्वारा
Tuesday, July 21, 2015
Fwd: [Suvichar - Good Thoughts by Param Pujya Sudhanshuji Maharaj] अपनी समृद्धि के
--
Posted By Madan Gopal Garga to Suvichar - Good Thoughts by Param Pujya Sudhanshuji Maharaj at 7/21/2015 10:44:00 AM
अपनी समृद्धि के
Sunday, July 19, 2015
इंसान पदार्थो का
Saturday, July 18, 2015
छोड़ना मत
- भगवान को भूलना मत ,
- सत्य को छोड़ना मत ,
- संपति से फूलना मत ,
- विपत्ती मैं मुरझाना मत ,
- परमार्थ सेवा करने से रुकना मत !
Friday, July 17, 2015
कर्म का फल
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
Thursday, July 16, 2015
बाजार में जाते समय
बाजार में जाते समय बहुत तरह की चीज़े देखते हैं , कुछ आकर्षक हैं तो कुछ सामान्य्।
किसी का अच्छा मकान देखकर, मन में विचार आया होगा कि मुझे अवसर मिले तो ऐसा ही मकान मै भी बनाऊँगा । आकर्षक जेवर देखकर प्रायः महिलाओं के मन में भावना आती है कि कभी पैसे होंगें, अवसर आएगा तो जरुर ऐसे जेवर बनवाएंगे। रास्ते के कूड्रे – कचरे को देखकर आपके मन में कभी कोई आकर्षण पैदा नहीं होता, बल्कि उसे उपेक्षा से देखते है। उधर से ध्यान हटा लेते है, उसे आप कभी भी याद नहीं रखना चाहते। जिसे आप याद नहीं रखना चाहते उसे आप उपेक्षा से देखते है। संसार को भी उपेक्षा से देखिए। अन्यथा इस संसार में जहां भी चलेंगे, जिसे भी देखेंगे, उसकी धूल आपके अन्तःकरण पर जरूर पडेगी और फिर वह खींचकर पूरी तरह से संसार की तरफ ले जाएगी।
Paropkaar
1. Paropkaar bohota baara yagya hai
2. Ek dusare ke kaam aana he jiwan hai aur Use Bharat khand mai SANASKRITIkahaa gaya hai
Wednesday, July 15, 2015
कमजोर मनशक्ति
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
१. कमजोर मनशक्ति ही अंधविश्वास क़ा बहुत बड़ा कारण है
२. मनुष्य को ज्यादा भाग्यवादी नहीं बनना चाहिए वरना उसकी कर्म करने की शक्ति कमजोर हो जाती है और वह आगे नहीं बढ़ पाता
Fwd: [prayer - prathana] भविष्य की नींव
http://jiggyaasa.blogspot.in/
http://adhyatmik.blogspot.in/
http://rajmgarg.blogspot.in/
http://guruvatikasechunephool.blogspot.in/
http://wwwmggsantvani.blogspot.in/
http://ammritvanni.blogspot.in/
http://guruvanni.blogspot.in/
http://mggarga.blogspot.in/
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
"भविष्य जानने की कोशिश मत करो। भविष्य परमात्मा के हाथ में है, वर्तमान आप के हाथ में है। भूतकाल बीत गया, उस की कोई कीमत नहीं । वर्तमान को अच्छा बना रहे है तो भविष्य की नींव डाल रहे हैं ।"
--
Posted By Madan Gopal Garga to prayer - prathana at 7/11/2015 10:01:00 AM
मन के आदत
http://jiggyaasa.blogspot.in/
http://adhyatmik.blogspot.in/
http://rajmgarg.blogspot.in/
http://guruvatikasechunephool.blogspot.in/
http://wwwmggsantvani.blogspot.in/
http://ammritvanni.blogspot.in/
http://guruvanni.blogspot.in/
http://mggarga.blogspot.in/
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
Tuesday, July 14, 2015
संसार में समय
http://jiggyaasa.blogspot.in/
http://adhyatmik.blogspot.in/
http://rajmgarg.blogspot.in/
http://guruvatikasechunephool.blogspot.in/
http://wwwmggsantvani.blogspot.in/
http://ammritvanni.blogspot.in/
http://guruvanni.blogspot.in/
http://mggarga.blogspot.in/
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
Monday, July 13, 2015
"जन्म देने वाले
"जन्म देने वाले मालिक ने जीभ तो बनाई एक, पर कान बनाए दो। दो कान इसलिए बनाए कि ज्यादा सुन लेना, लेकिन ज्यादा बोलना नहीं । जितना बोलना नाप-तोल कर ही बोलना।
जीभ के आगे भगवान ने दरवाज़ा लगाया है, इसे बन्द करने के लिए। जिन्दगी में इंसान जितना भी बुरा करता है, ज्यादातर तो बुरा इस जीभ से ही करता है। इस जीभ का प्रयोग हथियार के रुप में कभी मत करना।"
यदि किसी को
http://jiggyaasa.blogspot.in/
http://adhyatmik.blogspot.in/
http://rajmgarg.blogspot.in/
http://guruvatikasechunephool.blogspot.in/
http://wwwmggsantvani.blogspot.in/
http://ammritvanni.blogspot.in/
http://guruvanni.blogspot.in/
http://mggarga.blogspot.in/
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
Sunday, July 12, 2015
चिंता से
http://jiggyaasa.blogspot.in/
http://adhyatmik.blogspot.in/
http://rajmgarg.blogspot.in/
http://guruvatikasechunephool.blogspot.in/
http://wwwmggsantvani.blogspot.in/
http://ammritvanni.blogspot.in/
http://guruvanni.blogspot.in/
http://mggarga.blogspot.in/
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
Saturday, July 11, 2015
प्रत्येक इन्द्रिय का अपना
http://jiggyaasa.blogspot.in/
http://adhyatmik.blogspot.in/
http://rajmgarg.blogspot.in/
http://guruvatikasechunephool.blogspot.in/
http://wwwmggsantvani.blogspot.in/
http://ammritvanni.blogspot.in/
http://guruvanni.blogspot.in/
http://mggarga.blogspot.in/
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
"मनुष्य की प्रत्येक इन्द्रिय का अपना धर्म है । उसे अपने धर्म का पालन करना चाहिये ।
आँख का धर्म है समस्त प्राणियों में ईश्वर का दर्शऩ करें । कान का धर्म है महापुरुषों की अमृतवाणी सुनना, दूसरों की अच्छाइयाँ सुनना। मुख का धर्म है सत्य और प्रिय वचन बोलना । हाथों का धर्म है सत्कर्म करना, सेवा धर्म अपनाना। प्रत्येक मनुष्य का धर्म है कि अपने प्रति, परिवार के प्रति, समाज के प्रति, राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों को पूरा करें।"
भविष्य की नींव
http://jiggyaasa.blogspot.in/
http://adhyatmik.blogspot.in/
http://rajmgarg.blogspot.in/
http://guruvatikasechunephool.blogspot.in/
http://wwwmggsantvani.blogspot.in/
http://ammritvanni.blogspot.in/
http://guruvanni.blogspot.in/
http://mggarga.blogspot.in/
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
"भविष्य जानने की कोशिश मत करो। भविष्य परमात्मा के हाथ में है, वर्तमान आप के हाथ में है। भूतकाल बीत गया, उस की कोई कीमत नहीं । वर्तमान को अच्छा बना रहे है तो भविष्य की नींव डाल रहे हैं ।"
Friday, July 10, 2015
भविष्य जानने
http://jiggyaasa.blogspot.in/
http://adhyatmik.blogspot.in/
http://rajmgarg.blogspot.in/
http://guruvatikasechunephool.blogspot.in/
http://wwwmggsantvani.blogspot.in/
http://ammritvanni.blogspot.in/
http://guruvanni.blogspot.in/
http://mggarga.blogspot.in/
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
"भविष्य जानने की कोशिश मत करो। भविष्य परमात्मा के हाथ में है, वर्तमान आप के हाथ में है। भूतकाल बीत गया, उस की कोई कीमत नहीं । वर्तमान को अच्छा बना रहे है तो भविष्य की नींव डाल रहे हैं ।"
अन्याय , अभाव
http://jiggyaasa.blogspot.in/
http://adhyatmik.blogspot.in/
http://rajmgarg.blogspot.in/
http://guruvatikasechunephool.blogspot.in/
http://wwwmggsantvani.blogspot.in/
http://ammritvanni.blogspot.in/
http://guruvanni.blogspot.in/
http://mggarga.blogspot.in/
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
devi mantra
Ya devi sarva bhutesu, shakti rupena sansthita
Ya devi sarva bhutesu, matra rupena sansthita
Namastasyai, namastasyai, namastasyai, namo namaha!
Sarva mangala maangalye shive sarvaartha saadhike
Sharanye trayambake Gauri
Narayani namosthute
Namoh devyai mahadevyai shivayai satatam namah
Namah prakrutyai bhadraayai niyataah pranataahsma taam
Annapoorne sadapoorne shankarah praanavallabhe
Njana vairaagya sidhyardham bhikshaam dehi cha parvati
Thursday, July 9, 2015
हम हमेशा डरते
http://jiggyaasa.blogspot.in/
http://adhyatmik.blogspot.in/
http://rajmgarg.blogspot.in/
http://guruvatikasechunephool.blogspot.in/
http://wwwmggsantvani.blogspot.in/
http://ammritvanni.blogspot.in/
http://guruvanni.blogspot.in/
http://mggarga.blogspot.in/
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
Wednesday, July 8, 2015
जबान काम
http://jiggyaasa.blogspot.in/
http://adhyatmik.blogspot.in/
http://rajmgarg.blogspot.in/
http://guruvatikasechunephool.blogspot.in/
http://wwwmggsantvani.blogspot.in/
http://ammritvanni.blogspot.in/
http://guruvanni.blogspot.in/
http://mggarga.blogspot.in/
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
put your worries
http://jiggyaasa.blogspot.in/
http://adhyatmik.blogspot.in/
http://rajmgarg.blogspot.in/
http://guruvatikasechunephool.blogspot.in/
http://wwwmggsantvani.blogspot.in/
http://ammritvanni.blogspot.in/
http://guruvanni.blogspot.in/
http://mggarga.blogspot.in/
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
they all depend on in whose hands they are in. With HIS blessings, positive things will enter your life and all the negativities will vanish.
आज का काम
http://jiggyaasa.blogspot.in/
http://adhyatmik.blogspot.in/
http://rajmgarg.blogspot.in/
http://guruvatikasechunephool.blogspot.in/
http://wwwmggsantvani.blogspot.in/
http://ammritvanni.blogspot.in/
http://guruvanni.blogspot.in/
http://mggarga.blogspot.in/
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
Tuesday, July 7, 2015
धर्म हे
http://jiggyaasa.blogspot.in/
http://adhyatmik.blogspot.in/
http://rajmgarg.blogspot.in/
http://guruvatikasechunephool.blogspot.in/
http://wwwmggsantvani.blogspot.in/
http://ammritvanni.blogspot.in/
http://guruvanni.blogspot.in/
http://mggarga.blogspot.in/
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
Monday, July 6, 2015
अपने प्रिये को
http://jiggyaasa.blogspot.in/
http://adhyatmik.blogspot.in/
http://rajmgarg.blogspot.in/
http://guruvatikasechunephool.blogspot.in/
http://wwwmggsantvani.blogspot.in/
http://ammritvanni.blogspot.in/
http://guruvanni.blogspot.in/
http://mggarga.blogspot.in/
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
Sunday, July 5, 2015
जीवन संगीत है
http://jiggyaasa.blogspot.in/
http://adhyatmik.blogspot.in/
http://rajmgarg.blogspot.in/
http://guruvatikasechunephool.blogspot.in/
http://wwwmggsantvani.blogspot.in/
http://ammritvanni.blogspot.in/
http://guruvanni.blogspot.in/
http://mggarga.blogspot.in/
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
जीवन संगीत है। सुर से बजाओगे तो बहुत अच्छा है, मधुर है और अगर सुर से भूल गए तो शोर है जीवनऔर उसको खुद भी नहीं सुन पाओगे दूसरे तो क्या सुनेगें ।
जीवन है चुनौती । नित नई नई चुनौती बनकर सामने आती हैं । जब आप बहादुर होकर चुनौती को स्वीकार करते हैं
तो वो कुछ न कुछ देकर ही जाएँगी, कुछ लाभ देंगी ।
Saturday, July 4, 2015
खाली समय
http://jiggyaasa.blogspot.in/
http://adhyatmik.blogspot.in/
http://rajmgarg.blogspot.in/
http://guruvatikasechunephool.blogspot.in/
http://wwwmggsantvani.blogspot.in/
http://ammritvanni.blogspot.in/
http://guruvanni.blogspot.in/
http://mggarga.blogspot.in/
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
Friday, July 3, 2015
Thursday, July 2, 2015
भाग्य क्या है ?
http://jiggyaasa.blogspot.in/
http://adhyatmik.blogspot.in/
http://rajmgarg.blogspot.in/
http://guruvatikasechunephool.blogspot.in/
http://wwwmggsantvani.blogspot.in/
http://ammritvanni.blogspot.in/
http://guruvanni.blogspot.in/
http://mggarga.blogspot.in/
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
Wednesday, July 1, 2015
करले भला
http://jiggyaasa.blogspot.in/
http://adhyatmik.blogspot.in/
http://rajmgarg.blogspot.in/
http://guruvatikasechunephool.blogspot.in/
http://wwwmggsantvani.blogspot.in/
http://ammritvanni.blogspot.in/
http://guruvanni.blogspot.in/
http://mggarga.blogspot.in/
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
करले भला, होगा भला,
बस यही है संसार में जीने की कला।