परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
Saturday, October 24, 2015
जीवन का उद्देश्य
मनुष्य जीवन का उद्देश्य अपने आपको जानना और प्रभु को पाना है।
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
20 रूपये लीटर में बिक
आज देश के 80% रेलवे स्टेशन
पर खारा पानी मिलता
है।
और बोतल बँद पानी धड्ले
से 20 रूपये लीटर में बिक
रहा है।
मेरा मानना है की
करोड़ो रूपये की लागत से
बने रेलवे स्टेशन पर क्या
3-4 लाख रूपये और लगाकर
30-40 RO water फ़िल्टर
नहीं लगाये जा सकते।
आप कह सकते है की इनका
maintenence महंगा हो
जायेगा तो मेरा तर्क है
की क्या इन RO के पास में
दान पात्र रखा जा
सकता है।
मुझे पूरा विशवास है की
मेरे भारत वर्ष की
दानवीर जनता 1-2 रूपये
करके daily इतना पैसा तो
डाल ही देगी की जितने से
इन RO का daily
maintenence हो सके।
इससे न केवल जनता को
मज़बूरी में पानी 20 रूपये
लीटर खरीदना पड़ेगा
बल्कि साथ ही प्लास्टिक
बोतलों से पर्यावरण को
होने वाले नुकसान से देश
को मुक्ति मिल जाएगी।
हाँ ऐसा होने पर पानी
बेचने वालो की जरुर
छुट्टी हो जाएगी।
किसी सरकार ने ऐसा
किया नहीं
क्योंकि 1 रूपये से भी कम
का पानी जब 20 रूपये में
बिकता है तो शेयर उपर
तक जाता है।
क्या इस पानी घोटाले
को बंद करवाने के लिए आप
हमारे साथ हैं।
अगर हाँ तो ये मेसेज इतना
शेयर कीजिये की सरकार
तक पहुँच जाये।
क्या आप एक जिम्मेदार
नागरिक होंने का फ़र्ज़
निभाएंगे ?
Fwd: Shared a post - "*Pujyavar with Pujya Morari Bapu in Gujarat..."
yavar with Pujya Morari Bapu in Gujarat..."
Pujyavar with Pujya Morari Bapu in Gujarat Ram Katha on October 20, 2015 Om Guruve Namah ! Historic Moments.....Do santon ka milan Hariom All. Earlier this week on October 20, 2015 our Sadguru was in Gujarat at the Holy ram Katha on invitation of Pujya Morari Bapuji. Two God-Realized saints together and thousands of devotees fee...
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Thursday, October 22, 2015
Fwd: [Agrawal samaj kalyan (regd)] जिज्ञासु :-पूज्य गुरूदेव : अगर भाग्य के अनुसार
---------- Forwarded message ----------
From: Madan Gopal Garga <mggarga1@gmail.com>
Date: 2015-10-22 16:44 GMT+05:30
Subject: [Agrawal samaj kalyan (regd)] जिज्ञासु :-पूज्य गुरूदेव : अगर भाग्य के अनुसार
To: mggarga4@gmail.com
--
Posted By Madan Gopal Garga to Agrawal samaj kalyan (regd) at 10/22/2015 04:44:00 PM
From: Madan Gopal Garga <mggarga1@gmail.com>
Date: 2015-10-22 16:44 GMT+05:30
Subject: [Agrawal samaj kalyan (regd)] जिज्ञासु :-पूज्य गुरूदेव : अगर भाग्य के अनुसार
To: mggarga4@gmail.com
जिज्ञासु :-पूज्य गुरूदेव : अगर भाग्य के अनुसार ही मिलता है तो जीवन में कर्म क़ा क्या महत्त्व है ?
पूज्य गुरूदेव : माना कि ------------------------------- फिर आपके द्वारा किये गए कर्म का प्रभाव दिखना शुरू हो जाएगा !
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Posted By Madan Gopal Garga to Agrawal samaj kalyan (regd) at 10/22/2015 04:44:00 PM
Wednesday, October 21, 2015
Tuesday, October 20, 2015
दुनिया नहीं
आज का जीवन सूत्र
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दुनिया नहीं बदला करती तुम को अपने आपको बदलना होता है !
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
दुनिया नहीं
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परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
Saturday, October 17, 2015
[AMRIT VANI] सद्वचन सुधनम चाणक्य कहते है कि जिसका धन शुद्ध है, उसके घर मे सुख सम्पत्ति है।पुराने लोगों ने चार शब्ध कहे थे जो बडे महत्त्व के है। चार शब्दों पर गौर करना "धृत नया धान पुराने घर कुलवंती नार। भक्ति भक्ति निष्काम भाव है आस्था का, समर्पण का, सेवा का, बलिदान ___-- करने का, बदले में कुछ ना चाहने का, आध्यात्मिकता का प्रथम सोपान है। स्वदेश का प्यार भरा नही जो भावों से बहती जिसमें रसधार नही। हृदय नहीं वह प्थ्त्तर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नही ।
[AMRIT VANI] सद्वचन
- सुधनम
- चाणक्य कहते है कि जिसका धन शुद्ध है, उसके घर मे सुख सम्पत्ति है।पुराने लोगों ने चार शब्ध कहे थे जो बडे महत्त्व के है। चार शब्दों पर गौर करना "धृत नया धान पुराने घर कुलवंती नार।
भक्ति
भक्ति निष्काम भाव है आस्था का, समर्पण का, सेवा का, बलिदान ___-- करने का, बदले में कुछ ना चाहने का, आध्यात्मिकता का प्रथम सोपान है।
स्वदेश का प्यार
भरा नही जो भावों से बहती जिसमें रसधार नही। - हृदय नहीं वह प्थ्त्तर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नही ।
Friday, October 16, 2015
मनुष्य के जीवन
"मनुष्य के जीवन में सबसे पहले यह आवश्यक है कि हर समय प्रभु के अस्तित्व का एहसास हमारे मन में बना रहे। मन में ये प्रश्न हमेशा उठते रहें। इन बहती हुई
नदियों को बहाने वाला कौन है ? रंग-बिरंगी तितलियों के पंखों को कौन रंगता है? कौन है जो इस चन्द्रमा में मुस्कुराता है? किसका प्रकाश सूर्य के द्वारा संसार में फैलता है?
असंख्य जीवों को जन्म कौन देता है? कौन सबको भोजन देता है? फूलों में रंग कौन भरता है? पर्वत किसनेबनाए? आकाश को सितारों से कौन सजाता है?
ऐसे अनेक प्रश्नों को मन में पैदा होने दीजिए । इससे आपके मन में ईश्वर के प्रति भावना जागेगी। आपका उनके प्रति विश्वास बढेगा।
परम पूज्य सुधाँशुजी महाराज
Thursday, October 15, 2015
जो है जैसा
जो है जैसा है जितना है, उतने को पाकर के परमात्मा का धन्यवाद करना शुरू करें ।
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
Wednesday, October 14, 2015
Fwd: [Agrawal samaj kalyan (regd)] आपका वास्तविक
---------- Forwarded message ----------
From: Madan Gopal Garga <mggarga1@gmail.com>
Date: 2015-10-14 9:59 GMT+05:30
Subject: [Agrawal samaj kalyan (regd)] आपका वास्तविक
To: mggarga4@gmail.com
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Posted By Madan Gopal Garga to Agrawal samaj kalyan (regd) at 10/14/2015 09:59:00 AM
From: Madan Gopal Garga <mggarga1@gmail.com>
Date: 2015-10-14 9:59 GMT+05:30
Subject: [Agrawal samaj kalyan (regd)] आपका वास्तविक
To: mggarga4@gmail.com
आपका वास्तविक रूप है शान्ति। हर पल शान्ति में, प्रसन्न्ता में बिताने की कोशिश करें ।
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
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Posted By Madan Gopal Garga to Agrawal samaj kalyan (regd) at 10/14/2015 09:59:00 AM
आपका वास्तविक
आपका वास्तविक रूप है शान्ति। हर पल शान्ति में, प्रसन्न्ता में बिताने की कोशिश करें ।
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
Wednesday, October 7, 2015
आपका वास्तविक
आपका वास्तविक रूप है शान्ति। हर पल शान्ति में, प्रसन्न्ता में बिताने की कोशिश करें ।
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
Monday, October 5, 2015
जिदंगी मे
1. जिदंगी मे कभी भी किसी को बेकार मत समझना क्योक़ि बंद पडी घडी भी दिन में दो बार सही समय बताती है।
गुरुकृपा का अर्थ
गुरुकृपा का अर्थ यह नहीं की जीवन में दुःख न आए, लेकिन दुःख में भी आप दुखी न हों...वह समय कब बीत जाए आपको पता न चले.. यही हे गुरुकृपा।
Sunday, October 4, 2015
Fwd: mggarga2013@gmail.com sent you an image file!
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From: Madan Gopal Garga <mggarga2013@gmail.com>
Date: Thu, Oct 1, 2015 at 4:51 PM
Subject: mggarga2013@gmail.com sent you an image file!
To: Madan Gopal Garga <mggarga@gmail.com>
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Date: Thu, Oct 1, 2015 at 4:51 PM
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To: Madan Gopal Garga <mggarga@gmail.com>
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Saturday, October 3, 2015
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