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Thursday, May 14, 2015

जो आँखे अपने

http://ammritvanni.blogspot.in/



परम पूज्य सुधांशुजी महाराज

जो आँखे अपने प्यारे प्रभु को निहारती है- वह आँखे धन्य है , जो कान निरंतर प्रभु महिमा सुनते है वह कान धन्य है , जो जीभ दिन - रात प्रभु का गुणगान करती है वह जीभ धन्य है । प्रतिदिन सत्संग अपनाओ और जीवन ऊपर उठाओ ।

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