जैसे दिन को सजाता है सूर्य और रात को सजाता है चाँद, वैसे ही मानव जीवन को सौंदर्य से युक्त करने का काम सदगुरु करते हैं । किंतु यह अनुपम उपलब्धि केवल सदगुरु बनाने से प्राप्त नहीं होती, बल्कि सदगुरु के चरणों का दास बन जाने के बाद ही मानव जीवन शोभायमान होता है।
Sunday, May 31, 2015
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment